मंगलवार, 22 जनवरी 2013

सुख-दुःख




                   


                            जीवन मृत्यु तो एक परम सत्य, 
                            फिर क्यों मृत्यु से भय खाते हो।
                            हर पल सुख के सागर में डूबे,
                            अब दुःख में क्यों घबडाते हो।
                            सुख-दुःख तो चलते चक्र से,
                            एक जाता एक आता है।
                            दुःख जायेगा सुख आएगा,
                            अब क्यों मातम मनाते हो।
                            जीवन भर किया मनमानी,
                           उम्र गुजार दी रंगरेलियों  में।
                           सुख के क्षणों में भूल गये दाता को,
                           अब क्यों त्राहि माम की गान सुनते हो।
                           सुख तो चार दिन की चाँदनी,
                           फिर अँधेरों  से क्यों घबराते हो।
                           हे मानस के "राज"हँस,
                           सुख-दुःख की चिंता छोड़ो,
                           इह लोक में करो पूण्य-कर्म ,
                           परलोक तो सुधर जायेगा।
                           जीवन-मृत्यु तो एक परम सत्य,
                           एक दिन सबको चले जाना है।
  
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9 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुन्दर भजन।जीवन मृत्यु तो प्रकृति का नियम है,इससे क्या घबराना।

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  2. क्या बात है,बहुत ही सुन्दर कवितारूपी भजन।

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  3. बहुत ही सुन्दर और मनोहर भजन, सत्यता का बर्णन किये है मनुष्य का पूरा जीवन चरित्र का भूमिका है,ऐसे प्रस्तुति दे रहे बहुत - बहुत धन्बाद

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  4. बहुत ही सुन्दर भजन...दुःख जायेगा सुख आएगा,अब क्यों मातम मनाते हो।

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  5. सुदर अति सुंदर मनभावन और निस्वार्थ सच का ब्यान

    क्या डरना मोत से उसे तो आनी है .. 2
    अर्थी उठेँगी तेरी भी ये तो गाथा पुरानी हैँ ।

    आज बहुत दिनो के बाद एक कहानी लिखी अपने ब्लाँग उमँगे और तरंगे पर कहानी मेँ हैँ एक रात कि बातएक रात की बात हैँ आँसमा के चाँद को शुकून से देख रहा था बस देख रहा था कि चाँद को और चाँदनी रात हो गयी और एक रात वह थी जो चाँद को देख रहा था...[ पुरा पोस्ट पढने के लिए टाईटल पर क्लिक करेँ ]

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  6. बहुत ही सुंदर भाव,जिन्दगी के यथार्थ को दर्शाती सुंदर रचना।

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  7. जीवन में सुख दुःख तो लगा ही रहता है,सयंम बनाये रखना चाहिए।

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