बुधवार, 9 जनवरी 2013

हैवानियत

जैसा की आप सब को मालूम ही हो गया होगा की कल पाकिस्तान ने आपस में हुए युद्धबिराम को उल्लंघन करते हुए जम्मू कश्मीर के पूंछ में हमारे दो जवानों की हत्या कर  दी।बर्बरता की इन्तहा पार करते हुए हमारे देशभक्त जवानों के मृत शरीर को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त किये और उनके सिर को भी काट कर  ले गये,अपने देश को सरप्राइज देने के लिए।हम हमारी सरकार हमेशा दोस्ती की दम्भ भरते है,सदभावना की बाते करते है।भारत पाक के बीच कथित दोस्ती की क्रिकेट सीरीज खत्म हुए 48 घंटे के अंदर ही पाक ने दोस्ती के उपहार स्वरूप ऐसा कारनामे को अंजाम दिया।हमारी सरकार है संशय में है की इस घटना पर क्या रिएक्ट करें,शायद सोच रही है तमाम घटनाओं की तरह इस बार भी हम और हमारी मीडिया कुछ दिनों हो-हल्ला मचायेगी फिर सब कुछ शान्त।फिर हमारे देश के कर्णधार शांति सौहार्द बनाये रखने के लिए वहाँ का सरकारी खर्च पर दौरे करेंगे अपनी क्रिकेट टीम को शांति बनाने के लिए पाकिस्तान भेजेंगे।अभी भी वक्त है जागो देश के "कर्णधारो"।
                                         चले इसी सन्दर्भ में हम राम प्रसाद बिस्मिल को याद करते है।


    है लिये हथियार दुश्मन ताक मे बैठा उधर
    और हम तैयार  हैं सीना लिये अपना इधर
    खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है
    सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

                       हाथ जिनमें हो जुनून कटते नही तलवार से
                       सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से
                       और भडकेगा जो शोला सा हमारे दिल में है
                       सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

     हम तो घर से निकले ही थे बांधकर सर पे कफ़न
     जान हथेली में लिये लो बढ चले हैं ये कदम
     जिंदगी तो अपनी मेहमान मौत की महफ़िल मैं है
     सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

                      दिल मे तूफानों की टोली और नसों में इन्कलाब
                      होश दुश्मन के उडा देंगे हमे रोको न आज
                      दूर रह पाये जो हमसे दम कहाँ मंजिल मे है
                      सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है


 "उन शहीद जवानों को श्रधांजली"


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5 टिप्‍पणियां:

  1. हम आपकी लिखी हुए बातो से सहमत है इसका मुतोर्ड जबाब देना चाहिये

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  2. इसका मुँहतोड जबाब
    देना ही चाहिये

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  3. मधुर भाव लिये भावुक करती रचना,बहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति

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  4. बहुत ही मार्मिक और सार्थक प्रस्तुतीकरण.

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आपकी मार्गदर्शन की आवश्यकता है,आपकी टिप्पणियाँ उत्साहवर्धन करती है, आपके कुछ शब्द रचनाकार के लिए अनमोल होते हैं,...आभार !!!