रविवार, 21 जुलाई 2013

माँ निरूपमा : हाइकू






माँ की ममता
है बड़ी अनमोल 
माँ निरुपमा 

२. 
दया की मूर्ति 
लुटाती हैं खुशियाँ
क्षमा का मूल

३. 
उठे जो हाथ
खुशहाली के लिए 
माँ अनपूर्णा

४. 
माँ का आँचल 
स्नेह का महाकोष
जिन्दा जन्नत

५. 
ज्ञान की देवी 
माँ पथ-प्रदर्शक 
हमेशा आगे 

६. 
माँ का आँचल 
ममता भरी छावं 
सदा पावन

७. 
रूप अनेक 
सर्वस्व पूजनीय 
सुख दायिनी 


शनिवार, 6 जुलाई 2013

दिल का दर्द



दिल का दर्द ज़बाँ पे लाना मुश्किल है
अपनों पे इल्ज़ाम लगाना मुश्किल है

बार-बार जो ठोकर खाकर हँसता है
उस पागल को अब समझाना मुश्किल है

दुनिया से तो झूठ बोल कर बच जाएँ,
लेकिन ख़ुद से ख़ुद को बचाना मुश्किल है।

पत्थर चाहे ताज़महल की सूरत हो,
पत्थर से तो सर टकराना मुश्किल है।

जिन अपनों का दुश्मन से समझौता है,
उन अपनों से घर को बचाना मुश्किल है।

जिसने अपनी रूह का सौदा कर डाला,
सिर उसका ‘राज ’ उठाना मुश्किल है।
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चलते चलते,
मुश्किल चाहे लाख हो लेकिन इक दिन तो हल होती है,
ज़िन्दा  लोगों की  दुनिया में  अक्सर  हलचल  होती है।
                                                                                     आभर :अजीज आजाद