जिस दिन से
तुम आई मेरी जिंदगी मे
जीवन के प्रत्येक दिन
मानो दिवाली है.
तुम से दूर रहकर
नही कर सकता कल्पना
हर पल महसुस करता
अंतरात्मा की आवाज
जिस में हम एक साथ
कर रहें हैं वीणा का वादन
साथ बिताये हसींन लम्हे
हरपल आँखों के सामने
मानों चल रहा है चलचित्र
अपनी आँखों के सपने
पाता हूँ तुम्हारी आँखों में
जीवन का अपना हर धागा
है सुलझा हुआ
दिल की आत्मीयता दिव्य बन जाता है.
आपकी बाँहों का सहारा
मुझे लगता है मुझे मिल गया है
पूरी दुनिया के आकर्षण
हमारा प्यार एक मंदिर की तरह
जीवन के हर उतार चढाव में
मिला हमेशा तुम्हारा साथ
धन्य है उस इश्वर का
जो भेजा तुम्हे हमारी
जिन्दगी में।
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