जबकि मैं मौन हूँ,
मौन रह कर क्या
बता पाउँगा इस दुनियाँ को
मेरे दिल में भी कुछ जज्बात मचलते हैं
दिलों से बर्फ पिघलते हैं
मैं भी आशा रखता हूँ की
प्यार की कलियाँ महके
सदभावना की नदियाँ बहे
मेघ के रह ताल पर
प्यार की बरसात हो
मैंने तो चाँद को भी देखा है हमेशा
चकोर की नजर से
चकाचौंध से भरी इस दुनियाँ में
मेरी भी चाहत है
किसी दिल रूपी प्रेम वीणा का
अछूता तार बनूँ
कोई मेरे हृदय के मौन भाषा को समझे
मैं तो भटकता हूँ रौशनी के लिए
पर गगन में कहीं कोई तारा ही नही
लगता है यह इस सदी का
कोई खतरनाक हादसा है
जो आज तक समझ ही न पाया.
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किसी दिल रूपी प्रेम वीणा का
जवाब देंहटाएंअछूता तार बनूँ...........प्रेमभाव में एकाकी मन का रुदन। सुन्दर।
आपकी रचनायें पढकर अच्छा लगता है, बडी ही गहराई के साथ लिखते हैं आप आभार
जवाब देंहटाएंहिन्दी तकनीकी क्षेत्र की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त करने के लिये एक बार अवश्य पधारें और टिप्पणी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ साथ पर अनुसरण कर अनुग्रहित करें MY BIG GUIDE
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वाह ...बेहतरीन
जवाब देंहटाएं"किसी दिल रूपी वीणा का अछूता तार बनूँ "खूबसूरत पंक्ति |उम्दा रचना |
जवाब देंहटाएंआशा
सुन्दर। सुन्दर। सुन्दर।
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत रचना . !!
जवाब देंहटाएं...एक उत्तम रचना!...सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंवाह...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर!!!
अनु
superb.. dil ko chhuti hui... behtareen..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब | बढ़िया लेखन | सुन्दर अभिव्यक्ति विचारों की | सादर
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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बहुत बहुत सुन्दर भाव!!
जवाब देंहटाएंlatest postअनुभूति : विविधा
latest post वटवृक्ष
मैंने तो चाँद को भी देखा है हमेशा
जवाब देंहटाएंचकोर की नजर से
चकाचौंध से भरी इस दुनियाँ में
मेरी भी चाहत है
किसी दिल रूपी प्रेम वीणा का
अछूता तार बनूँ..aamin....
बहुत सुन्दर, सार्थक रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर, सार्थक रचना राजेंद्र जी,आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर कविता का सृजन,शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंसुन्दर और भावपूर्ण कविता,धनयबाद.
जवाब देंहटाएंअतिसुन्दर,बहुत ही उम्दा प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंकिसी दिल रूपी प्रेम वीणा का
जवाब देंहटाएंअछूता तार बनूँ
भावपूर्ण रचना,आभार है आपका.
sundar rachna....
जवाब देंहटाएंमौन की भाषा पढ़ने वाले कम ही होते हैं ... पर जो होते हैं वो पढ़ के भूलते नहीं ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही उत्कृष्ट प्रस्तुति,आभार.
जवाब देंहटाएंमौन रहकर क्या मालूम होगा आपके दिल की बात,बेहतरीन प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंयह चुप सी क्यूँ लगी है ...कुछ तो बोलिए
जवाब देंहटाएंकोई मेरे हृदय के मौन भाषा को समझे
जवाब देंहटाएंमैं तो भटकता हूँ रौशनी के लिए
पर गगन में कहीं कोई तारा ही नही
लगता है यह इस सदी का
कोई खतरनाक हादसा है
जो आज तक समझ ही न पाया.
सशक्त भावाभिव्यक्ति !
प्रेम को परिभाषित करती एक सुंदर कविता ...आपको धन्यवाद
जवाब देंहटाएंकाफी सुन्दर
जवाब देंहटाएंप्रेम भाव से प्रेरित
साभार !
Behtreen rachna
जवाब देंहटाएंवाह! सुन्दर भावाव्यक्ति है आपकी रचना में! वाह!
जवाब देंहटाएंNic
जवाब देंहटाएंindian history tricks in hindi !
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