सोमवार, 21 अक्तूबर 2013

रिश्तों की डोर : हाइकू




१. 
रिश्तों की डोर 
अटूट है बन्धन 
टूटे न टूटे 

२. 
प्रचंड धूप 
सुख-दुख का तूफां
अटल प्यार 

३. 
प्रीत का रंग 
सुनहरी किरण 
मन चंद्रिका 

४. 
मन हमेशा 
प्रियतम के साथ 
नही अकेला 

५. 
सहज स्नेह 
हरपल बरसे 
नैनों में दिखे 

६. 
भवरें गाते 
मधुरम संगीत 
हर्षित मन 

७. 
साथ हमारा 
चंपा संग चमेली 
रहे हमेशा 

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26 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति हाइकू के माध्यम से, धन्यबाद।

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  2. बहुत ही सुन्दर हाइकू, धन्यबाद।

    जवाब देंहटाएं
  3. रिश्तों का मर्म समझाते हुए सुन्दर हाइकू ... शुक्रिया ...

    जवाब देंहटाएं
  4. सुख-दुख का (तुफां) को (तूफां) कर लें। सुन्‍दर हैं।

    जवाब देंहटाएं
  5. अद्भुद शब्द संयोजन ... वाह . आभार।

    जवाब देंहटाएं
  6. रिस्तों पर बहुत सुन्दर हाइकू|
    नई पोस्ट मैं

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  7. साथ हमारा
    चंपा संग चमेली
    रहे हमेशा

    हाइकु सा जीवन हमारा

    खिले हमेशा। सुन्दर प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  8. प्रीत का रंग
    सुनहरी किरण
    मन चंद्रिका
    बहुत सुन्दर …

    सहज स्नेह
    हरपल बरसे
    नैनों में दिखे
    बहुत सही कहा
    सभी हाईकू सुन्दर है !

    जवाब देंहटाएं
  9. nc sr !
    is link पर कुछ लाइन्स आपकी तवज्जो चाह रही है --
    http://sowaty.blogspot.in/2013/10/blog-post_23.html#gpluscomments

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  10. मन हमेशा
    प्रियतम के साथ
    नही अकेला

    साथ हमारा
    चंपा संग चमेली
    रहे हमेशा

    सुन्दर हाइकु प्रांजल भाव और तदानुरूप भाषा।

    "नहीं "लिख लें नही के स्थान पर। आभार।

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  11. सहज स्नेह नयनों में दिखे हर पल बरसे।
    सुंदर हाइकू,
    बहुत सुंदर।

    जवाब देंहटाएं
  12. सहज स्नेह नयनों में दिखे हर पल बरसे।
    सुंदर हाइकू,
    बहुत सुंदर।

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत सुंदर हाइकू राजेन्द्र जी, देर से टिप्पणी के लिए माफ़ी।

    जवाब देंहटाएं
  14. शुक्रिया आपकी टिपण्णी का शुभ लेखन का। और मंच में हमें जगह देने का।

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  15. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (29-11-2013) को  स्वयं को ही उपहार बना लें (चर्चा -1446)   पर भी है!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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आपकी मार्गदर्शन की आवश्यकता है,आपकी टिप्पणियाँ उत्साहवर्धन करती है, आपके कुछ शब्द रचनाकार के लिए अनमोल होते हैं,...आभार !!!