''गिरते हैं घुड़सवार ही मैदान -ए -जंग में , वो तिफ्ल क्या गिरेंगे जो चलते है घुटनों के बल''
अर्थात प्रयास करने वाले को ही ठोकर लग सकती है या संभवत: सफलता या असफलता मिल सकती है,लेकिन जो प्रयास ही नहीं करते उन्हें न सफलता मिल सकती है और न असफलता.
यदि आप सफलता चाहते हैं तो आपको प्रयास तो करना ही पडेगा.आपको कष्टों को अपनाना ही होगा। यदि कष्टों से घबड़ा कर प्रयास ही छोड़ देंगे तो फिर सफलता के बारे में सोचना ही बेकार है. जीवन में सफलता पाने के लिये आशावादी होना चाहिये.निराशा आपको गहरे खन्दक में ले जायेगी.चिंता चिता के समान है. चिंता को त्यागना अत्यावश्यक है। यदि आप सोचते हैं कि किसी समस्या को हल किया जा सकता है तो चिंता करने की क्या आवश्यकता है और यदि आप सोचते हैं कि किसी समस्या को हल नहीं किया जा सकता तो चिंता करने से फायदा ही क्या है?
कुछ मूल-मंत्र :
कुछ मूल-मंत्र :
- हमारा सफलता का ही उद्देश्य होना चाहिये,दृढ संकल्प से किया हुआ कार्य अवश्य ही सफल होगा.
- जीवन में कुछ बातें या घटनाएं संयोगवश हो सकती हैं। लेकिन आप अगर इस इंतजार में रहेंगे कि सब कुछ अपने आप अकस्मात ही आपको हासिल होगा, तो शायद आप सारी जिंदगी इंतजार ही करते रह जाएंगे, क्योंकि संयोग हमेशा तो नहीं हो सकता।
- स्वयं की गलती को पहचाने,और इसे दूर करने का प्रयत्न करना चाहिये. दूसरों की गलती निकालना बहुत सरल है किन्तु स्वयं की गलती को स्वीकार करना अत्यन्त मुश्किल लगता है।
- गलतियाँ करना मनुष्य का स्वाभाविक गुण है, गलतियाँ कष्ट देती है पर इसे सुधारने पर हम सफलता के नए द्वार पर होते है.
- दूसरों की शिकायत करने वाला व्यक्ति हमेशा अशांत रहता है और कभी भी सफल नहीं हो पाता। सफलता और शांति पाने के लिये बेहतर है कि स्वयं को बदलें।
- महान बनने की कोशिश न करें। ‘मुझे क्या मिलेगा या मेरा क्या होगा’, इसकी चिंता छोड़कर अगर अपने जीवन के लक्ष्य पर ध्यान देंगे और उसका दायरा बढ़ाएंगे, तो आप खुद एक असाधारण व्यक्ति बन जाएंगे।
- साहसी बनें और किसी अवसर के खो जाने पर कभी भी आँसू न बहायें।अश्रु कायर बहाते हैं।सोचना है हम कायर नही है।
- जीवन में परिवर्तन एक प्राकृतिक नियम है। अतः परिवर्तन को स्वीकार करें। परिवर्तन को स्वीकारने पर अन्य सभी बातें अपने आप ही परिवर्तित हो जायेंगी।
- विकट परिस्थिति में भी ज्याद दुखी न होकर,विकट परिस्थिति के हटाने के बारे में सोचना चाहिये.हास्य के पात्र न बनें.
- संभव की सीमाओं को जानने का एक ही तरीका है कि उन से थोड़ा आगे असंभव के दायरे में निकल जाइए।
- हालांकि कोई भी व्यक्ति अतीत में जाकर नई शुरुआत नहीं कर सकता है, लेकिन कोई भी व्यक्ति अभी शुरुआत कर सकता है और एक नया अंत प्राप्त कर सकता है।
- यदि आप में आत्मविश्वास नहीं है तो आप हमेशा न जीतने का बहाना खोज लेंगे।
- किसी के गुणों की प्रशंसा करने में, अपना समय मत बरबाद मत करो, उसके गुणों को अपनाने का प्रयास करो।
- बंदरगाह में खड़ा जलयान सुरक्षित होता है जलयान वहां खड़े रहने के लिए नहीं बने होते हैं.
- एक बार किसी कार्य को करने का लक्ष्य निर्धारित कर लेने के बाद, इसे हर कीमत तथा कठिनाई की लागत पर पूरा करें. किसी कठिन कार्य को करने से उत्पन्न आत्म विश्वास अभूतपूर्व होता है।
- हम में से जीवन किसी के लिए भी सरल नहीं है. लेकिन इससे क्या? हम में अडिगता होनी चाहिए तथा इससे भी अधिक अपने में विश्वास होना चाहिए. हमें यह विश्वास होना चाहिए कि हम सभी में कुछ न कुछ विशेषता है तथा इसे अवश्य ही प्राप्त किया जाना चाहिए।
- ग़लतियों से न सीखना ही एकमात्र ग़लती होती है।
- यह कहना कठिन होता कि असंभव क्या है, क्योंकि विगत का स्वप्न, आज की आशा और कल की वास्तविकता होती है।
- अधिकांश बड़े लक्ष्य हासिल न हो पाने का कारण यह हैं कि हम छोटी चाजों को पहले करने मे अपना समय बिता देते हैं।
- जब तक किसी व्यक्ति द्वारा अपनी संभावनाओं से अधिक कार्य नहीं किया जाता है, तब तक उस व्यक्ति द्वारा वह सब कुछ नहीं किया जा सकेगा जो वह कर सकता है।
- जीवन की त्रासदी इस बात में नहीं है कि आप अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंचते हैं, त्रासदी तो इस बात की है कि आपके पास प्राप्त करने के लिए कोई लक्ष्य नहीं है।
- आपकी प्रतिभा, आपको भगवान का दिया गया उपहार है, आप इसके साथ क्या करते हैं, यह आपके द्वारा भगवान को दिया गया उपहार होता है।
रहिमन मनहि लगाईं कै, देखि लेहू किन कोय
नर को बस करिबो कहा, नारायन बस होय
नर को बस करिबो कहा, नारायन बस होय
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safalta ki sidhion par kadam aage badhane se judi behatareen prastuti,
जवाब देंहटाएंzindgi me safalta ke behatareen nukhse
जवाब देंहटाएंसफलता के मूल मंत्र.... बेहतरीन जानकारी आभार !!
जवाब देंहटाएंशेर किसी को अपनी सवारी नहीं करने देता और आपने लिख दिया गिरते हैं शेर सवार. वैसे असल में शेर यह है
जवाब देंहटाएंगिरते हैं घुड़सवार ही मैदान-ए-जंग में
वो तिफ़्ल क्या गिरेगा जो घुटनों के बल चले
या ऐसे भी कह सकते हैं-
गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में
वो तिफ़्ल क्या गिरेगा जो घुटनों के बल चले
***तिफ़्ल - बच्चा
वैसे आपका लेख अच्छा लगा...
जी हाँ शेर गलत हो गया था,आपका आभार.
हटाएंbahut badhiya alekh ,hardik badhai
हटाएंबहुत ही बेहतरीन पोस्ट ...
जवाब देंहटाएंसकारात्मक पोस्ट ... जीवन के मूल मन्त्र हैं सफलता के मन्त्र ...
please visit : www.hindismartblog.blogspot.in
हटाएंआपका सादर आभार.
जवाब देंहटाएंसकारात्मक आलेख, जीवन के मूल मन्त्र हैं.
जवाब देंहटाएंसार्थक हैं सफलता के मूल मंत्र.
जवाब देंहटाएंसफलता के मूल मंत्र.... बेहतरीन जानकारी आभार !!
जवाब देंहटाएंसफलता प्राप्त करने के अचूक नुस्खे ....बेहतरीन ..
जवाब देंहटाएंप्रेरक आलेख !!
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शुक्रवार (17-05-2013) के चर्चा मंच 1247 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंbehtareen
जवाब देंहटाएंचमत्कार हो जाते हैं जीवन में कई बार अचंभित भी करती है दूसरों की सफलता हमें ...
जवाब देंहटाएंउनका भी जज्बा यही होता है सफलता का मूल मंत्र सकारात्मक विचारों को अपनाओ ... अच्छी प्रस्तुति
बहुत बढ़िया। शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी बात कही आपने , सकारात्मकता भी इन्सान को सफलता की और ले जाती है
जवाब देंहटाएंबढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआपके इस पोस्ट का प्रसारण ब्लॉग प्रसारण http://blogprasaran.blogspot.in/ के आज 20.05.2013 के अंक में किया गया है. आपके सूचनार्थ.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन जानकारी आभार
जवाब देंहटाएंबिन्दुवार बहुत सुन्दरता से मन्त्र बताये हैं. बहुत बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंसफलता के मूल मंत्र.... सादर बधाई ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति :) आभार
जवाब देंहटाएंvery well
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