फूल की बातें सुनाकर वो गया,
किस अदा से वक़्त काँटे बो गया ।
गाँव की ताज़ा हवा में था सफ़र,
शहर आते ही धुएँ में खो गया ।
मौत ने मुझको जगाया था मगर,
ज़िंदगी के फ़लसफ़ों में सो गया ।
मेरा अपना वो सुपरिचित रास्ता,
कुछ तो है जो अब तुम्हारा हो गया ।
पा गया ख़ुदगर्ज़ियों का राजपथ,
रास्ता जो भी सियासत को गया ।
सीख तेरी काम आ जाती मगर,
हाथ से निकला जो अवसर तो गया ।
कौन बतलाए हुआ उस पार क्या,
लौटकर आया नहीं है जो गया ।
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जैसे इक मासूम क़ातिल, पूरी तैयारी के साथ ।
सादर आभार : विनय मिश्र
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वाह!
जवाब देंहटाएंकौन बतलाए हुआ उस पार क्या,
लौटकर आया नहीं है जो गया ।
जवाब देंहटाएंकौन बतलाए हुआ उस पार क्या,
लौटकर आया नहीं है जो गया ।.....waaah waaaaah kya she'r nikala hai.......khub
Excellent composition sir,
जवाब देंहटाएंIyengar.
वाह! क्या बात
जवाब देंहटाएंBahut hi sundar ghazal ki prstuti,abhar.
जवाब देंहटाएंकौन बतलाए हुआ उस पार क्या,
जवाब देंहटाएंलौटकर आया नहीं है जो गया ।
खुबसूरत प्रस्तुति भाई राजेन्द्र जी, आभार।
खुबसूरत प्रस्तुति, आभार।
जवाब देंहटाएंबेह्तरीन अभिव्यक्ति!!शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंवाह! खुबसूरत प्रस्तुति भाई राजेन्द्र
जवाब देंहटाएंकौन बतलाए हुआ उस पार क्या,
लौटकर आया नहीं है जो गया ।
लौटकर आया नहीं जो गया..............वाह गजब।
जवाब देंहटाएंमेरा अपना वो सुपरिचित रास्ता,
जवाब देंहटाएंकुछ तो है जो अब तुम्हारा हो गया ।
खुबसूरत प्रस्तुति, शुभकामनायें.
बहुत खूब राजेन्द्र जी, विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंपा गया ख़ुदगर्ज़ियों का राजपथ,
जवाब देंहटाएंरास्ता जो भी सियासत को गया ।
बेहतरीन सुंदर गजल !
विजयादशमी की शुभकामनाए...!
RECENT POST : - एक जबाब माँगा था.
सुन्दर
जवाब देंहटाएंमेरा अपना वो सुपरिचित रास्ता,
जवाब देंहटाएंकुछ तो है जो अब तुम्हारा हो गया ।
yeh sher khaas pasand aaya.
Ghazal acchee lagi.
बहुत ही बेहतरीन रचना...
जवाब देंहटाएंशानदार ...
:-)
बेहतरीन ग़ज़ल ..वाह !
जवाब देंहटाएंअभी अभी महिषासुर बध (भाग -१ )!
पा गया ख़ुदगर्ज़ियों का राजपथ,
जवाब देंहटाएंरास्ता जो भी सियासत को गया ।
बे -बाक कहा है जो भी कहा है इस गजल में। खूबसूरत काबिले दाद हर शैर गजल का। शुक्रिया राजेन्द्र जी पढ़वाने का।
मौत ने मुझको जगाया था मगर,
जवाब देंहटाएंज़िंदगी के फ़लसफ़ों में सो गया ..
बहुत खूब... लाजवाब शेर हैं सभी इस गज़ल के ... दर्शन लिए जीवन का ...
खुबसूरत प्रस्तुति भाई राजेन्द्र जी, आभार।
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