हम हँसते है तो दुनियाँ समझती है की हमे गम नहीं,
वैसे भी दुनिया में गम दिखाने वाले कम नहीं।
गम दिखाना भी लोगो ने बना लिया है एक कम,
उन्हें क्या मालूम गम में डूबी है मेरी सुबह--शाम।
हम उन लोगो में से नहीं कि अपना गम दिखाते रहें,
हम तो दुसरो के गम उठाए बाटते............. फिरे।
दुनिया ने हर वक्त ऐसे लोगो को गलत ही समझा,
अब भी कहते रहना खुद की बदौलत समझा।
हम दुनियां का कहना क्यों सोचे"राज"उनका गम नही,
क्योकि गम है पर गम दिखाने वालो में से हम नहीं।
"धन्यबाद"
Place Your Ad Code Here
एक अच्छा प्रयास है हम जैसे गमगिन लोगो के लिए.
जवाब देंहटाएंबरोदा आपनार भोली बिसरी यादे भलो लागलो आपना के नामोस्कर कोच्ची
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर अव सार्थक ग़ज़ल ,अतिसुन्दर।
जवाब देंहटाएं