भूली बिसरी यादें पर आप हिन्दी ग़ज़लें , कविताएँ, हाइकु, बोध कथायें और उच्च कोटि के अनमोल वचन पढ़ने को मिलेगा।
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पेड़ कितना भी पुराना हो ,आँगन में लगे रहने दो,फल-फूल न सही,छाया तो देगा,,,,भावपूर्ण पंक्तियाँ,,,Recent post: गरीबी रेखा की खोज
कल २४/०२/२०१३ को आपकी यह पोस्ट Bulletin of Blog पर लिंक की गयी हैं | आपके सुझावों का स्वागत है | धन्यवाद!
bilkul sahi.....par jab tak samjhte hain...der ho jati hai...
rajendra ji aapke kaam ko sadhu vaad really you doing amazingkeep it up
सुन्दर रचना राजेंद्र जी. ब्लॉग कलश पर संकलन का आपका प्रयास बहुत अच्छा लगा.
सही है जनाब आजकल के बहुत से बच्चे अपने माँ बाप के प्रति लापरवाह नजर आते है।
सही है माँ बाप तो हमेशा शीतल छाया ही तो देते हैं।
बहुत ही भावपूर्ण मार्मिक प्रस्तुति.
बेटा हो श्रवण कुमार जैसा हो,नहीं तो बेटी ही सही.
माँ के किये उपकार सभी नही चुका रहें है,बहुत ही भावपूर्ण कविता.
माँ बाप वट वृक्ष जैसे है ,शीतल छाया देते है latest postमेरे विचार मेरी अनुभूति: मेरी और उनकी बातें
माँ का कर्ज चुकाने का जी जान से प्रयास करना चाहिए,बहुत ही सुन्दर कविता.
बहुत ही भावात्मक कविता हमे हर हाल में माँ-बाप का ख्याल रखना चाहये,धन्य है आप की लेखनी.
बहुत ही सुन्दर कविता पंक्तियाँ
भावनात्मक रचना।नया लेख :- पुण्यतिथि : पं . अमृतलाल नागर
बहुत ही सुंदर कविता , अंत की लाइनो ने भाव विहल कर दिया
बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ
आपकी मार्गदर्शन की आवश्यकता है,आपकी टिप्पणियाँ उत्साहवर्धन करती है, आपके कुछ शब्द रचनाकार के लिए अनमोल होते हैं,...आभार !!!
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जवाब देंहटाएंपेड़ कितना भी पुराना हो ,आँगन में लगे रहने दो,
जवाब देंहटाएंफल-फूल न सही,छाया तो देगा,,,,भावपूर्ण पंक्तियाँ,,,
Recent post: गरीबी रेखा की खोज
कल २४/०२/२०१३ को आपकी यह पोस्ट Bulletin of Blog पर लिंक की गयी हैं | आपके सुझावों का स्वागत है | धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंbilkul sahi.....par jab tak samjhte hain...der ho jati hai...
जवाब देंहटाएंrajendra ji aapke kaam ko sadhu vaad
जवाब देंहटाएंreally you doing amazing
keep it up
सुन्दर रचना राजेंद्र जी. ब्लॉग कलश पर संकलन का आपका प्रयास बहुत अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंसही है जनाब आजकल के बहुत से बच्चे अपने माँ बाप के प्रति लापरवाह नजर आते है।
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जवाब देंहटाएंसही है माँ बाप तो हमेशा शीतल छाया ही तो देते हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत ही भावपूर्ण मार्मिक प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबेटा हो श्रवण कुमार जैसा हो,नहीं तो बेटी ही सही.
जवाब देंहटाएंमाँ के किये उपकार सभी नही चुका रहें है,बहुत ही भावपूर्ण कविता.
जवाब देंहटाएंमाँ बाप वट वृक्ष जैसे है ,शीतल छाया देते है
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माँ का कर्ज चुकाने का जी जान से प्रयास करना चाहिए,बहुत ही सुन्दर कविता.
जवाब देंहटाएंबहुत ही भावात्मक कविता हमे हर हाल में माँ-बाप का ख्याल रखना चाहये,धन्य है आप की लेखनी.
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जवाब देंहटाएंभावनात्मक रचना।
जवाब देंहटाएंनया लेख :- पुण्यतिथि : पं . अमृतलाल नागर
बहुत ही सुंदर कविता , अंत की लाइनो ने भाव विहल कर दिया
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ
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