हर तरफ छाया है अँधेरा
दिखता नही सवेरा
जिन्दगी में है बेरुखी का आलम
हर डाल के पत्ते है सुर्ख
खो गया है मंजिलों के रास्ते
नहीं रहा अब खुशियों से वास्ता
जिन्दगी के इम्तिहाँ
तोड़ रहें मेरा हौसला
रुकने के कगार पर
जिन्दगी के कामयाबी के कारवाँ
मेरे जज्बात उड़ रहें
बिपरीत हवाओं के साथ
जिन्दगी की तन्हाई लग रही
तूफान के बाद छाये सन्नाटे की तरह
खुशी के नगमे भी लगते
दर्द भरी शायरी की तरह
जिन्दगी के उलझे हैं सारे तार
मकड़ी की जालों की तरह
अब तो दोस्तों की सलाहियत भी
लगते रेगिस्तानी काँटों की तरह
पर,
जिन्दगी टूट कर बिखरने से पहले
सोये आत्मविश्वास में
हुआ एक उजाला सबेरा
लगता अब तोड़ पाउँगा
उलझनों का तिलस्म
जीवन है संघर्ष
लड़कर ही इसे पाना है
अब दूर नहीं रही
मेरी कामयाबी की मंजिलें.
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sundar prastuti...
जवाब देंहटाएंजाला काटे हौसला, अब हिम्मत मत हार |
जवाब देंहटाएंकर के दृढ़ संकल्प तू, ले जिंदगी सुधार ||
बहुत बढ़िया आदरणीय-
राजेंद्र भाई आपकी लेखनी दिन ब दिन प्रभावशाली होती जा रही है हार्दिक बधाई स्वीकारें शानदार प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर.
जवाब देंहटाएंsundar prastuti...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ......
जवाब देंहटाएंहौंसला बनाये रखिये ....मंजिल आपके सामने है |
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें!
आपका सादर आभार आदरणीय।
हटाएंसुन्दर रचना !!
जवाब देंहटाएंआभार !!
यही ज़ज्बा ज़रूरी है ज़िन्दगी को जीने के लिए .
जवाब देंहटाएंजिन्दगी टूट कर बिखरने से पहले
सोये आत्मविश्वास में
हुआ एक उजाला सबेरा
लगता अब तोड़ पाउँगा
उलझनों का तिलस्म
जीवन है संघर्ष
लड़कर ही इसे पाना है
अब दूर नहीं रही
मेरी कामयाबी की मंजिलें.
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति मंगलवारीय चर्चा मंच पर ।।
जवाब देंहटाएंधन्यबाद आदरणीय.
हटाएंजिंदगी के उलझनों पर बहुत ही सुन्दर कविता.
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन कविता,जीवन एक संघर्ष ही तो है।
जवाब देंहटाएंजीवन में तो उलझने आती रहती है,भावपूर्ण रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर कविता,शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंशानदार |
जवाब देंहटाएंराजेंद्र जी आपकी रचना उदासीनता से उजाले की और ले जाती है
जवाब देंहटाएंयही जीवन का सार है .....आम आदमी की जिन्दगी में ये उठा-पठक चलती रही हैं
आपके लिए आपकी ही की रचना से प्रेरित उपहार स्वरुप कुछ शब्द मेरे ......
उदास रास्तों पे चलके खुशनुमा मंजिलें निकलती हैं
उम्मीदों की डगर पे उलझने कामयाबियों से डरती हैं ............पूनम
बहुत ही सार्थक शब्द,आपका अभिनन्दन.
हटाएंसच में जीवन एक संघर्ष ही है ....
जवाब देंहटाएंप्रभावी रचना ..
बहुत ही सुन्दर कविता,सच में जीवन एक संघर्ष ही है।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंRajedar JI, ANDHERE SE UJALE KI TARAF JHANKTI SUNDAR PRASTUTI
जवाब देंहटाएंBahut Sunder....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर कविता.
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा प्रस्तुति आभार,सच में जीवन एक संघर्ष ही है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंज़ज्बा ज़रूरी है ज़िन्दगी को जीने के लिए,बहुत सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंमन में सकारात्मकता भरती प्रभावपूर्ण रचना .......
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंlatest postअहम् का गुलाम (भाग तीन )
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इस उजाले की होंसले को बरकरार रखना होगा ...
जवाब देंहटाएंसकारात्मक भाव लिए सुन्दर रचना ...
सुन्दर रचना!
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