१.
बेछत घर
तड़पती जिन्दगी
झुलसते हैं
२.
व्याकुल मन
तपता अंगनारा
छाया सन्नाटा
३.
चुभती धूप
गर्मी से अकुलाये
छिपे परिन्दे
४.
थके पथिक
छाया को तरसते
जलते पांव
५.
आग लगाये
सूखे कण्ठ कोकिला
गर्मी के दिन
६.
पेड़ों की छाया
जेठ की दुपहरी
बात निराली
७.
हो रही शाम
लालिमा आकाश में
छिपता सूरज
८.
दिन तपता
खुद ही सिमटता
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vah bhayee Rajendar ji, थके पथिक
जवाब देंहटाएंछाया को तरसते
जलते पांव
५.
आग लगाये
सूखे कण्ठ कोकिला
गर्मी के दिन
६.
पेड़ों की छाया
जेठ की दुपहरी
बात निराली
७.
हो रही शाम
लालिमा आकाश में
छिपता सूरज
८.
दिन तपता
खुद ही सिमटता
रात सुहानी
धन्यबाद अजीज भाई.
हटाएंrajendra bhai bhaut badiya haiku...
जवाब देंहटाएंआभार मित्र.
हटाएंगर्मी कि तड़पन से भरे सुन्दर हाइकू !!
जवाब देंहटाएंआभार !!
धन्यबाद महोदय.
हटाएंचुभती धूप
जवाब देंहटाएंगर्मी से अकुलाये
छिपे परिन्दे,,,,सुंदर हाइकू राजेन्द्र भाई,,,
Recent post: होरी नही सुहाय,
आपका आभार है धीरेन्द्र जी.
हटाएंबहुत बढ़िया , गर्मी आने से पहले ही गर्मी का अहसास......
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरेया.
हटाएंआपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति शुक्रवारीय चर्चा मंच पर ।।
जवाब देंहटाएंआपका धन्यबाद आदरणीय.
हटाएंएक से एक
जवाब देंहटाएंसटीक हाईकू है ...
आपका आभार आदरेया.
हटाएंबेहतरीन हाइकू राजेन्द्र भाई वाह बधाई
जवाब देंहटाएंआपका आभार अरुण जी.
हटाएंबहुत ही सुन्दर और स्टिक हाइकू.
जवाब देंहटाएंलाजबाब हाइकू...भाई साहब.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सटीक हाइकू हैं गर्मी की मौसम पर.
जवाब देंहटाएंशानदार राजेन्द्र भाई,बधाई।
जवाब देंहटाएंधन्यबाद मनोज जी.
हटाएंअतिसुन्दर हाइकू,धन्यबाद.
जवाब देंहटाएंसुन्दर और सार्थक हाइकू.
जवाब देंहटाएंगर्मी का अहसास,सुन्दर चित्रण.
जवाब देंहटाएंआहा,क्या सुन्दर हाइकू बने है,धन्यबाद.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब .. यू ऐ ई में तो गर्मियां आने वाली हैं अब ...
जवाब देंहटाएंलाजवाब हाइकू से स्वागत किया है आपने ...
स्वागत के लिए तो तैयार ही हैं,हमलोग ए.सी. में रहते है फिर भी अपने गावों के दृश्य तो झलकते रहते है न सर जी.
हटाएंबहुत ही सुन्दर हाइकू .
जवाब देंहटाएंआभार मदन जी.
जवाब देंहटाएंदिन तपता
जवाब देंहटाएंखुद ही सिमटता
रात सुहानी......bahut sundar....
धन्यबाद.
हटाएंबहुत सुन्दर और प्रेरक हाइकू!
जवाब देंहटाएंसाझा करने के लिए आभार!
आभार आदरणीय.
हटाएंदिन तपता
जवाब देंहटाएंखुद ही सिमटता
रात सुहानी
...लाज़वाब! सभी हाइकु बहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंअच्छे बिम्ब ,भाव कणिकाएं ,सभी हाइकू उल्लेख्य .
हर हाईकू सुन्दर
जवाब देंहटाएंसादर !
थके पथिक
जवाब देंहटाएंछाया को तरसते
जलते पांव -----bahut sunder
ग्रीष्म का काव्यमय सुन्दर प्रस्तुतिकरण...
जवाब देंहटाएंसभी हायकू बेहतरीन हैं...
एक से बढ़ कर एक...
ये गर्मी के दिन शब्दों से झाँक रहे हैं !
जवाब देंहटाएंबढ़िया !
आपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 16/03/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंsundar chitran..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया हायकू प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंसुंदर हायकू लेकिन इतनी जल्दी गर्मी परेशान कर डालेगी.
जवाब देंहटाएंबेजोड़ हाइकू...
जवाब देंहटाएंसुन्दर हाइकु . सारे बहुत अच्छे हैं.
जवाब देंहटाएंwah behtareen..
जवाब देंहटाएंतपन अब ,
जवाब देंहटाएंरात में भी तो ,
कहाँ थमती !
achha laga tapti garmi se gujarkar..
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen