मंगलवार, 7 मई 2013

जिरह और बयान के झगड़े


 
 
तलफ्फुजों की जिरह और बयान के झगड़े।
गजल की जान न ले लें जबान के झगड़े।।


जब धूप का समन्दर कुल आसमान पर है।
ऐसे में, इक परिन्दा पहली उड़ान पर है।।

 
या रब तू ही बचाना आफत सी जान पर है,
फिर तीर इक नजर का तिरछी कमान पर है।

 
उस पार से मुहब्बत आवाज दे रही है,
दरिया उफान पर है दिल इम्तिहान पर है।

 
राजेन्द्र से भले ही वाकिफ न हो जमाना,
गजलों का उसकी चर्चा सबकी जुबान पर है।

 
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सर पे जिम्मेदारियों का बोझ है, भारी भी है।
डगमगाते पाँवों से लेकिन सफर जारी भी है।
                                                                 आभार :आर.तिवारी
 
 
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24 टिप्‍पणियां:

  1. राजेन्द्र से भले ही वाकिफ न हो जमाना,
    गजलों का उसकी चर्चा सबकी जुबान पर है।

    बहुत खूब!!

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  2. बहुत खूब बहुत बेहतरीन गजल !!आभार .

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  3. बहुत खूब बहुत बेहतरीन गजल राजेंद्र जी।

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  4. उस पार से मुहब्बत आवाज दे रही है,
    दरिया उफान पर है दिल इम्तिहान पर है

    वाह, क्या जुमला है...बहुत खूब...

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  5. उस पार से मुहब्बत आवाज दे रही है,
    दरिया उफान पर है दिल इम्तिहान पर है।------
    बेहतरीन रचना
    बधाई

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति.

    जवाब देंहटाएं
  7. उस पार से मुहब्बत आवाज दे रही है,
    दरिया उफान पर है दिल इम्तिहान पर है

    क्या बात है बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति.

    जवाब देंहटाएं
  8. राजेन्द्र से भले ही वाकिफ न हो जमाना,
    गजलों का उसकी चर्चा सबकी जुबान पर है.

    बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल की प्रस्तुति.

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल,आपका आभार.

    जवाब देंहटाएं
  10. ग़ज़ल में बहुत दम है बेहतरीन.

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति,आपका सादर आभार.

    जवाब देंहटाएं
  12. उस पार से मुहब्बत आवाज दे रही है,
    दरिया उफान पर है दिल इम्तिहान पर है।

    बहुत ही सुन्दर...आभार.

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत खूब!!! बेहतरीन ग़ज़ल.

    जवाब देंहटाएं
  14. बेहतरीन भाई साहब |

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
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  15. जब धूप का समन्दर कुल आसमान पर है।
    ऐसे में, इक परिन्दा पहली उड़ान पर है।।

    ...बहुत खूब! बहुत सुन्दर प्रस्तुति...

    जवाब देंहटाएं
  16. उस पार से मुहब्बत आवाज दे रही है,
    दरिया उफान पर है दिल इम्तिहान पर है........बहुत सुन्दर

    जवाब देंहटाएं
  17. itna sundar likha hai apne
    ki ab ye humari zaban par hai

    जवाब देंहटाएं

आपकी मार्गदर्शन की आवश्यकता है,आपकी टिप्पणियाँ उत्साहवर्धन करती है, आपके कुछ शब्द रचनाकार के लिए अनमोल होते हैं,...आभार !!!