रविवार, 21 जुलाई 2013

माँ निरूपमा : हाइकू






माँ की ममता
है बड़ी अनमोल 
माँ निरुपमा 

२. 
दया की मूर्ति 
लुटाती हैं खुशियाँ
क्षमा का मूल

३. 
उठे जो हाथ
खुशहाली के लिए 
माँ अनपूर्णा

४. 
माँ का आँचल 
स्नेह का महाकोष
जिन्दा जन्नत

५. 
ज्ञान की देवी 
माँ पथ-प्रदर्शक 
हमेशा आगे 

६. 
माँ का आँचल 
ममता भरी छावं 
सदा पावन

७. 
रूप अनेक 
सर्वस्व पूजनीय 
सुख दायिनी 


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23 टिप्‍पणियां:

  1. दिल को छूते हाँ सभी हाइकू ... लाजवाब ...

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  2. बेहद शानदार रचना राजेंद्र जी, आभार।

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    अच्छा लिखा है आपने!

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  4. bahut khoobsoorat!
    beshak ma Nirupamaa hai
    itni pyari rachana k liye aabhaaar :)

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहद शानदार रचना राजेंद्र जी, आभार।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुंदर ...प्यारे से हाइकु

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति सर .... खासकर जी चित्र आपने लगाया है ..... ऐसा एक माँ ही कर सकती है ....

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  8. बहुत ही बेहतरीन हाइकू
    अति सुन्दर...
    :-)

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  9. बहुत सुन्दर .....
    सच भी है माँ की कोई उपमा ही नहीं है

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत खूबसूरत रचना

    नोट: पता नही क्या कारण है , मगर आपका ब्लॉग बहत स्लो रेस्पोंस देता है। पेज up/down मे एक मिनिट का बाद एक्शन होता है। कृपया चेक करें

    जवाब देंहटाएं

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