एक कहावत है की आगे वाला गिरे तो पीछे वाला होशियार हो जाये। जो बुद्धिमान होते हैं वे दूसरों के हालात देखकर शिक्षा ले लेते हैं। यदि हम भी चाहें और अपने ज्ञानचक्षु खुले रखें तो हम कदम-कदम दुसरो शिक्षा ले सकते हैं। दूसरों का परिणाम देखकर नसीहत ले सकते हैं क्योकि प्रत्येक शिक्षा खुद हीअनुभव करके ग्रहण की जाय यह जरा मुशिकल काम है। आग से हाथ जल जाता है यह हमने सुना है और जाना है तो अब खुद हाथ जला कर देखने की जरूरत नही। जिन बुरे कामों के बुरे परिणाम दूसरे भोग रहे हैं उन्हें देखकर उन कामों को न करने की शिक्षा ग्रहणकर लेना चाहिए। जो दूसरों को गिरता देख कर सम्भल जाते हैं वे व्यक्ति वाकई बुद्धिमान हैं।
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