तुम कब आओगे प्यारे,
आज फिर पापियों का है डेरा,
लूट-पाट बलात्कार का हुआ बाजार गर्म
समाज में छाया है अँधियारा
मानवता पर दानवता है भारी
चारो ओर फैली दुष्प्रवृतियाँ
होड़ लगी है एक दूसरे को कुचलने की
पाप पतन का बढ़ता बोलबाल
हर तरफ फैले हैं दुःशासन
हैं तत्पर नोचने को बेटियों के दामन
अंतहीन है इनकी सीमाएं
उनमे से कुछ रहते साथ हमारे
जब मिलेगा मौका
नोच लेगे पंख हमारे
दिन पर दिन हो रहे हालात बदतर
हर तरफ है फैला दुराचारियो राज
इस हैवानियत की दुनियाँ में
तुम आओगे प्यारे।
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हमारे बहन - बेटियाँ पर अत्याचार होते देख कर ऐसा लगता है अभी तो जागो प्यारे हमारी इजत को बचो और पापियों को संघार करो
जवाब देंहटाएंधन्यबाद
हटाएंकहने में बहुत ही शर्म आती है .....पर यही है हमारे हिन्दुस्तान की हकीकत।।
जवाब देंहटाएंधन्यबाद प्रतिभा जी।
हटाएंबहुत बढ़िया लिख रहें हैं हुज़ूर आप .परिवेश को कैद किए है आपकी रचना .
जवाब देंहटाएंतुम कब आओगे प्यारे,
आज फिर पापियों का है डेरा,
लूट-पाट बलात्कार का हुआ बाजार गर्म
समाज में छाया है अँधियारा
मानवता पर दानवता है भारी
चारो।।।।।। (चारों ).......ओर फैली दुष्प्रवृतियाँ
होड़ लगी है एक दूसरे को कुचलने की
पाप पतन का बढ़ता बोलबाल (बोलबाला )
हर तरफ फैले हैं दुःशासन
हैं तत्पर नोचने को बेटियों के दामन
अंतहीन है(हैं )...... इनकी सीमाएं
उनमे(उनमें ) से कुछ रहते साथ हमारे
जब मिलेगा मौका
नोच लेगे पंख हमारे
दिन पर दिन हो रहे हालात बदतर
हर तरफ है फैला दुराचारियो(दुराचारियों का ) राज
इस हैवानियत की दुनियाँ में
तुम आओगे प्यारे।
आभार .
आभार आपकी सद्य टिपण्णी का :
जवाब देंहटाएंमेरे दिल के समन्दर में कभी उतर कर देखा होता,
कभी प्यार के दो बोल बोलकर ही देखा.....होता.
मेरी वफाओं को मेरी नजर से देखा ही नही,(नहीं ).....
तुम कभी मुझ से दूर जाकर ही सोचा होता.
इश्क व मोहब्बत का सागर है ...अथाह,
कभी तुम इसमें उतर क़र ही देखा होता.
प्यार का मतलब जानने से कुछ पहले,
मेरे साथ दो कदम चल के ही देखा होता.
मेरे गम को अब तुम क्या महसूस करोगे,
मेरे दिल की बगिया में आ क़र ही देखा होता.
क्या पता था हम सिर्फ मजाक ही है (हैं )उनके लिए,
मीठी जुबा (ज़ुबां )से हकीकत ही बयाँ क़र दिया.. होता.
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति हुई है अर्थ और विचार की रचना में .
Aao ham khud ko badal len, Jag badalata jayega...
जवाब देंहटाएंhttp://goo.gl/bbTS0
bahut sateek
जवाब देंहटाएंThanks
हटाएंइस पापियों के संसार में किसी को राम और कृष्ण की भूमिका निभानी ही पड़ेगी,आभर।
जवाब देंहटाएंआज के दुराचारियों को नकेल तो डालना ही पड़ेगा,हम सब को ही यह सब करना पड़ेगा।
जवाब देंहटाएंसहृदय की व्यथा को बयाँ करती समसामयिक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार आपका।
हटाएंhamen bhi intzaar hain...
जवाब देंहटाएंbahut badiya prastuti..
Thanks
हटाएंआज की जवलन्त समस्या पर सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत ही भावपूर्ण और सार्थक प्रस्तुति,
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