जनता का हक़ मिले कहाँ से, चारों ओर दलाली है |
चमड़े का दरवाज़ा है और कुत्तों की रखवाली है ||
मंत्री, नेता, अफसर, मुंसिफ़ सब जनता के सेवक हैं |
ये जुमला भी प्रजातंत्र के मुख पर भद्दी गाली है ||
उसके हाथों की कठपुतली हैं सत्ता के शीर्षपुरुष |
कौन कहे संसद में बैठा गुंडा और मवाली है ||
सत्ता बेलगाम है जनता गूँगी बहरी लगती है |
कोई उज़्र न करने वाला कोई नहीं सवाली है ||
सच को यूँ मजबूर किया है देखो झूठ बयानी पर |
माला फूल गले में लटके पीछे सटी दोनाली है ||
दौलत शोहरत बँगला गाड़ी के पीछे सब भाग रहे हैं |
फसल जिस्म की हरी भरी है ज़हनी रक़बा खाली है ||
सच्चाई का जुनूँ उतरते ही हम मालामाल हुए |
हर सूँ यही हवा है रिश्वत हर ताली ताली है ||
वो सावन के अंधे हैं उनसे मत पूँछो रुत का हाल |
उनकी खातिर हवा रसीली चारों सूँ हरियाली है ||
पंचशील के नियमो में हम खोज रहे हैं सुख साधन |
चारों ओर महाभारत है दाँव चढ़ी पञ्चाली है ||
पहले भी मुगलों-अंग्रेजो ने जनता का खून पिया |
आज 'विप्लवी' भेष बदलकर नाच रही खुशहाली है ||
साभार :- बी. आर. विप्लवी
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जय मां हाटेशवरी....
जवाब देंहटाएंआप ने लिखा...
कुठ लोगों ने ही पढ़ा...
हमारा प्रयास है कि इसे सभी पढ़े...
इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना....
दिनांक 30/11/2015 को रचना के महत्वपूर्ण अंश के साथ....
चर्चा मंच[कुलदीप ठाकुर द्वारा प्रस्तुत चर्चा] पर... लिंक की जा रही है...
इस चर्चा में आप भी सादर आमंत्रित हैं...
टिप्पणियों के माध्यम से आप के सुझावों का स्वागत है....
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
कुलदीप ठाकुर...
धन्यबाद आपका।
हटाएंबहुत ही सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति, धन्यबाद मित्र।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर गजल
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर ग़ज़ल प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत रचना....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सटीक चित्रण...बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंबहुत ही सटीक चित्रण...बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंवाह, बहुत खूब। जो कुछ लिखा वह सब सच है। चारों ओर दलाली है, कुत्तों की रखवाली है।
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सटीक सामयिक रचना ...
जवाब देंहटाएंमंत्री, नेता, अफसर, मुंसिफ़ सब जनता के सेवक हैं |
जवाब देंहटाएंये जुमला भी प्रजातंत्र के मुख पर भद्दी गाली है ||
उसके हाथों की कठपुतली हैं सत्ता के शीर्षपुरुष |
कौन कहे संसद में बैठा गुंडा और मवाली है ||
आज की राजनीति का सटीक चित्रण .
सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार....
बहुत ख़ूब
जवाब देंहटाएंबहुत प्रभावशाली रचना......बहुत बहुत बधाई.....
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक सामयिक रचना, बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक सामयिक रचना, बधाई
जवाब देंहटाएंआपका आभार है आदरेया।
जवाब देंहटाएंसमसामयिक रचना
जवाब देंहटाएंसार्थक रचना
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर और सामयिक रचना की प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबिल्कुल निशाने पर तीर है आपका।बहुत सटीक चित्रण है वर्तमान परिस्थितियों का।
जवाब देंहटाएंhttp://manishpratapmpsy.blogspot.com पर मेरी कविताएं अवश्य पढें।
बिल्कुल निशाने पर तीर है आपका।बहुत सटीक चित्रण है वर्तमान परिस्थितियों का।
जवाब देंहटाएंhttp://manishpratapmpsy.blogspot.com पर मेरी कविताएं अवश्य पढें।