सोमवार, 11 फ़रवरी 2013

दहेज की बलिवेदी



 
 
 
बड़ी मन्नतों के बाद
 घर में आयी एक नन्ही सी कली
रूप सलोना चेहरे पर थी मुस्कान
घर आँगन हुआ उपवन
नन्ही किलकारियों से
गुंज उठा घर आँगन
मिला हमेशा लाड दुलार
पाल पोस बनाया फूलों सा
एक दिन बनी किसी के गले की हार
नये घर गयी लक्ष्मी मी तरह
पर किया गया तानों से स्वागत
रूप गुण का न किसी ने किया ख्याल
गाड़ी भर न लायी दहेज
इसका है सबको मलाल
मारपीट,दुत्कार का दिया उपहार
मानवता भूल दानवता पर सब उतरे
दिन पर दिन बीते
कब तक सहती ये अत्याचार
खुनी दांतों के बीच बेचारी
दरिंदो ने कर दिया प्राणों का अंत
दहेज की बलिवेदी पर
एक अबला का हुआ अंत
न जाने कितनी ही बेटियाँ
हर रोज हो रही है बलिदान
क्या हो गया है मानवता का अंत
दहेज प्रथा है एक अभिशाप
खुल कर करे इसका बिरोध।


 

 
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31 टिप्‍पणियां:

  1. दहेज प्रथा बहुत बुरा प्रभाव डालती हैँ ! ।

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  2. बडे आश्चर्य की बात हैँ कि दहेज प्रथा मेँ नारी का शोषन होता हैँ और इसे बढानेँ मेँ सबसे बडा हाथ नारी का ही होता हैँ ।

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  3. बहुत ही सुन्दर और मार्मिक चित्रण किया आपने इस कविता में | बधाई |

    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  4. आवश्यकता कविता की प्रशंसा करने की नहीं बल्कि उस आह्वाहन का समर्थन किया जाना चाहिए जो इस कविता के माध्यम से किया गया है।

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  5. दहेज प्रथा पर बहुत ही ह्दयविदारक लेख है ।दहेज प्रथा का हमेसा से विरोध करता हु और करता रहुगा ।

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  6. दुर्गा यह नवजात है, सबला सिंह सवार |
    हर विपदा का कर सके, निश्चय ही प्रतिकार |
    निश्चय ही प्रतिकार, सजा दरबार देखिये |
    करे शत्रु संहार, भक्त हित प्यार देखिये |
    रक्षो कन्या भ्रूण, कहीं बोले ना मुर्गा |
    मानवता की रात, करे लम्बी यह दुर्गा ||

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  7. दहेज प्रथा आज की बहुत ही ज्वलंत समस्या है,मार्मिक चित्रण किये है.

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  8. दहेज प्रथा सचमुच में एक अभिशाप है,बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुती।

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  9. दहेज की समस्या आज भी हमारे समाज का मुहं चिढा रही है ,अच्छी भावपूर्ण रचना !!

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  10. कहीं कहीं स्त्री आज भी यांत्रणाओं की शिकार है । मार्मिक चित्रण ।

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  11. सामाजिक व्यभिचार के प्रति मार्मिक प्रतिवेदन नहीं हुंकार कीजिए अब .शुक्रिया .

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  12. आप सब का बहुत बहुत आभार की हमारे विचार से आप सब सहमत हैं,आज इस प्रथा ने ऐसी भयावह रूप ले लिया है की कुछ शब्दों में लिखना मुश्किल है.

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  13. बहुत सुन्दर प्रस्तुति दहेज प्रथा पर आज के दुनिया में बहुत बडा अभिशाप है ,

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  14. अच्छी भावपूर्ण रचना

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  15. बहुत ही मार्मिक चित्रण,आभार है आपका।

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  16. सच में भयावह है दहेज प्रथा की समस्या,बहुत ही भावपूर्ण प्रस्तुती।

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  17. बेहतरीन भावपूर्ण प्रस्तुती,अतिसुन्दर प्रयास।

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  18. भावमय करते शब्‍द ... बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

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  19. बहुत बहुत आभार,दहेज प्रथा समाज पर एक कोढ़ की तरह है जो दिन पर दिन भयावह रूप लेती जा रही है।

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  20. एक ऐसी बुराई जो समाज को खा रही है ...
    इसका अंत जरूर होना चाहिए ओर पहल पुरुष समाज को ही करनी होगी ...

    जवाब देंहटाएं
  21. अच्छी भावपूर्ण रचना...
    http://ehsaasmere.blogspot.in/2013/02/blog-post_11.html

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  22. Bahut hi achchha prsng uthaya hai,aaj ki bdi smsya pr.

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  23. Bahut acchi rachna ki hai. Mere bhi kuch yahi vichar hain apne blog par dahej ke khilaf.

    जवाब देंहटाएं
  24. शुक्रिया आपकी टिपण्णी के लिए बेहतीन पोस्ट के ज्ञानवर्धक विश्लेषण के लिए

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  25. शायद ही कोई विरले मिल जाय,नही तो दहेज़ कौन नही लेता,,,,,

    RECENT POST... नवगीत,

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  26. आप ने पहेली को पहेली की तरह छोड़ दिया है., इसे रोकने या बन्द करने का उपाय भी बताते तो ज्यादा बेहतर रहता। लेकिन समस्या को अच्छी तरह उजागर किया है। इसके लिये आप धन्यवाद के पात्र हैं।

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  27. आज पांच लिंकों का आनंद अपना 200 अंकों का सफर पूरा कर चुका है.. इस विशेष प्रस्तुति पर अपनी एक दृष्टि अवश्य डाले....
    आपने लिखा...
    और हमने पढ़ा...
    हम चाहते हैं कि इसे सभी पढ़ें...
    इस लिये आप की रचना...
    दिनांक 02/02/2016 को...
    पांच लिंकों का आनंद पर लिंक की जा रही है...
    आप भी आयीेगा...

    आज पांच लिंकों का आनंद अपना 200 अंकों का सफर पूरा कर चुका है.. इस विशेष प्रस्तुति पर अपनी एक दृष्टि अवश्य डाले....
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आपकी मार्गदर्शन की आवश्यकता है,आपकी टिप्पणियाँ उत्साहवर्धन करती है, आपके कुछ शब्द रचनाकार के लिए अनमोल होते हैं,...आभार !!!